भारत 'रतन ' टाटा BHARAT 'RATAN' TATA
रतन टाटा
देश के बड़े उद्योगपति रतन टाटा का निधन हो गया। उन्होंने 86 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज चल रहा था। हालांकि 8 oct.2024 को दोपहर में रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी थी कि वह ठीक हैं और पोस्ट में लिखा था कि वो अस्पताल में रूटीन चैकअप के लिए गए थे। उन्होंने कहा कि मेरी चिंता करने के लिए सभी का धन्यवाद, लेकिन मैं एक दम ठीक हूं। चिंता की कोई बात नहीं है।
28 दिसंबर 1937 को हुआ था जन्म
देश की जानी मानी हस्ती रतन टाटा को भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण (2000) और पद्म विभूषण (2008) से भी सम्मानित किए जा चुका है। रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को सूरत में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम नवल टाटा और सूनी कमिसारीट था। जब रतन टाटा 10 साल के थे, तब वे अपने माता पिता से अलग हो गए थे। उसके बाद उन्हें जेएन पेटिट पारसी अनाथालय के माध्यम से उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने औपचारिक रूप से गोद ले लिया था। रतन टाटा का पालन-पोषण उनके सौतेले भाई नोएल टाटा (नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे) के साथ हुआ।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
रतन टाटा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूलसे की। यहां से उन्होंने 8वीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद, आगे की पढ़ाई के लिए वे मुंबई में कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल और शिमला में बिशप कॉटन स्कूल गए। इसके बाद रिवरडेल कंट्री स्कूल, न्यूयॉर्क शहर में शिक्षा प्राप्त की है। वे कॉर्नेल विश्वविद्यालय और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्र हैं।
1991 में रतन टाटा ने टाटा संस और टाटा ग्रुप का अध्यक्ष पद संभाला
1991 में रतन टाटा ने टाटा संस और टाटा ग्रुप का अध्यक्ष पद संभाला। उन्होंने 21 वर्षों तक टाटा समूह का नेतृत्व किया और इसे बुलंदियों पर पहुंचाया। उनके नेतृत्व में टेटली टी, जगुआर लैंड रोवर और कोरस का अधिग्रहण किया गया। उनकी देखरेख में टाटा ग्रुप 100 से अधिक देशों में फैल गया। टाटा नैनो कार भी रतन टाटा की ही अवधारणा थी।
रतन टाटा ने कभी नहीं की शादी
रतन टाटा ने 2011 में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि मैं चार बार शादी करने के करीब पहुंचा, लेकिन हर बार डर के कारण या किसी न किसी कारण से मैं पीछे हट गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉस एंजिल्स में काम करते समय उन्हें एक लड़की से प्यार हो गया था और उन्हें भारत लौटना पड़ा क्योंकि उनके परिवार का कोई सदस्य बीमार था। लड़की के माता-पिता ने उसे भारत जाने की अनुमति नहीं दी। कहा जाता है शायद वह इसी कारण आज तक अविवाहित हैं।
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देश के सबसे सफल उद्योगपतियों में से एक और अपनी दूरदर्शिता के लिए जाने जाने वाले टाटा संस के मानद प्रमुख रतन टाटा का बुधवार (09 अक्टूबर 2024 अश्विन कृष्ण पक्ष षष्ठी संवत 2081 ) को निधन हो गया।
उनके कुछ प्रेरणादायक वक्तव्य हमेशा-हमेशा के लिए अमर हो गए
अपनी सादगी से लोगों को अपना मुरीद करने वाले दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में निधन हुआ
युवाओं के लिए वह हमेशा रोल मॉडल रहे हैं। अपने प्रेरणादायक वक्तव्यों से उन्होंने युवाओं को हमेशा प्रेरित किया है। रतन टाटा के प्रेरणादायक कोट्स, जिन्हें अपनाकर आप भी अपना जीवन सफल बना सकते हैं।
रतन टाटा के प्रेरणादायक कोट्स
- मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता। मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही बनाता हूं।
- शक्ति और धन मेरे दो मुख्य हित नहीं हैं।
- अगर आप तेज चलना चाहते हैं तो अकेले चलें, लेकिन अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं तो साथ चलें।
- कोई भी लोहे को नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसका अपना जंग नष्ट कर सकता है। इसी तरह कोई भी व्यक्ति को नष्ट नहीं कर सकता, लेकिन उसकी अपनी मानसिकता नष्ट कर सकती है।
- जीवन में उतार-चढ़ाव हमें आगे बढ़ने के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ईसीजी में भी सीधी रेखा का मतलब है कि हम जीवित नहीं हैं।
- मैं हमेशा भारत की भविष्य की संभावनाओं के बारे में बहुत आश्वस्त और बहुत उत्साहित रहा हूं। मुझे लगता है कि यह बहुत संभावनाओं वाला एक महान देश है।
- मैं उन लोगों की प्रशंसा करता हूं जो बहुत सफल हैं, लेकिन अगर वह सफलता बहुत अधिक निर्दयता से हासिल की गई है तो मैं उस व्यक्ति की प्रशंसा तो कर सकता हूं लेकिन उसका सम्मान नहीं कर सकता।
- लोग जो पत्थर तुम पर फेंकते हैं, उन्हें ले लो और उनका इस्तेमाल एक स्मारक बनाने में करो।
- लोग अभी भी मानते हैं कि वे जो पढ़ते हैं, वह सच है।
जब आवास पर लाया गया रतन टाटा का पार्थिव शरीर, तब महाराष्ट्र सरकार ने सभी कार्यक्रम कैंसल कर किए
भारत पर अपनी छाप छोड़ गए रतन टाटा
Gyan'bhadracharya: रतन टाटा के नेतृत्व में, टाटा समूह ने सिर्फ व्यापार करने में ही नहीं बल्कि भारत में स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भले ही उनका नाम देश के सबसे अमीर लोगों की सूची में काफी नीचे आता है, लेकिन रतन टाटा अपने व्यापारिक साम्राज्य और अपनी मजबूत कार्य नीति के लिए जाने जाते हैं।
Gyan'bhadracharya: रतन टाटा बेजुबानों से काफी प्यार करते थे। कुछ दिन पहले एक स्टोरी काफी वायरल हुई थी जिसमें एक महिला मुंबई के ताज होटल गई थी, उसने गेट पर एक स्ट्रीट डॉग को देखा तो उसने वहां के स्टाफ से शिकायत की थी, जिसके बाद वहां के स्टाफ ने महिला को बताया था कि उनके होटल के मालिक रतन टाटा की तरफ से खास निर्देश है कि यहां से कुत्ते को नहीं हटाया जाए और उसकी देखभाल की जाए। इतना ही नहीं रतन टाटा कुत्तों की सुरक्षा से जुड़े कई स्टार्टअप में इनवेस्ट भी कर चुके हैं।
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टाटा के सबसे साहसिक कदमों में से एक टेटली (यूके), कोरस (यूके) और जगुआर लैंड रोवर (यूके) जैसी वैश्विक कंपनियों का अधिग्रहण करना था, जिसने भारतीय व्यवसायों को वैश्विक मानचित्र पर पहुंचाया।
1996 में टेलीकॉम में प्रवेश किया। रतन टाटा ने समूह के क्षितिज का विस्तार करते हुए, टाटा टेलीसर्विसेज के साथ दूरसंचार क्षेत्र में एक साहसिक कदम उठाया।
टाटा इंडिका नाम तो सुना होगा। रतन टाटा के नेतृत्व में, टाटा मोटर्स ने 1998 में टाटा इंडिका लॉन्च की, जो भारत की पहली स्वदेशी रूप से डिजाइन की गई यात्री कार के रूप में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई।
रतन टाटा ने लॉन्च की टाटा नैनो। 2008 में रतन टाटा ने जनता के लिए कार बनाने का अपना सपना पूरा किया और एक लाख की कीमत वाली टाटा नैनो एक इंजीनियरिंग चमत्कार थी और भारतीय परिवारों के लिए कारों को किफायती बनाने का एक प्रयास था। टाटा नैनो ने 2011 में वैश्विक मंच पर भारतीय नवाचार को प्रदर्शित करते हुए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कदम रखा।
रतन टाटा 1961 में टाटा समूह में शामिल हुए, उन्होंने निचले स्तर से शुरुआत करते हुए, जमशेदपुर में टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया। वह टाटा इंडस्ट्रीज में सहायक के रूप में शामिल हुए। इसके बाद 1991 में, जेआरडी के बाद रतन टाटा टाटा समूह के अध्यक्ष बने।
टाटा स्टील के कर्मचारियों के दिलों में रतन टाटा बसते थे। वह यहां जब भी आते तो पुराने कर्मचारियों से मुलाकात करना नहीं भूलते। यहां तक कि इस शहर में रहने वाले लोग भी उन्हें भगवान की तरह मानते थे। इस शहर से जुड़े उनके अनेक किस्से हैं। कई खट्टी-मीठी यादें हैं। एक तरह से यह उनका दूसरा घर ही था।
टाटा स्टील के कर्मचारियों के लिए रतन टाटा भगवान की तरह थे। वे बेहद ही सरल स्वभाव वाले थे। समूह के चेयरमैन होने के बावजूद उन्हें कई कर्मचारियों का नाम मुंह जुबानी याद रहती थी।
इसलिए जब भी वे जमशेदपुर आते, कंपनी के शाप फ्लोर पर जाकर अपने साथ काम कर चुके पुराने कर्मचारियों से जरूर मिलते थे। टाटा स्टील ही नहीं बल्कि टाटा समूह के सभी कर्मचारियों के लिए रतन टाटा का जाना एक अपूरणीय क्षति के समान है।
टाटा स्टील के पुराने कर्मचारियों का कहना है- रतन टाटा धरातल से जुड़े हुए व्यक्तित्व थे। वे टीम वर्क पर विश्वास करते थे। चेयरमैन होने के बावजूद वे बेहद सरल स्वभाव वाले शख्स थे, इसलिए कर्मचारी उसे कंपनी का अधिकारी नहीं बल्कि अपने बीच का साथी मानते थे।
रतन टाटा दो मार्च 2021 को अंतिम बार जमशेदपुर आए थे। इस दौरान वे संस्थापक जेएन टाटा की जयंती पर आयोजित संस्थापक दिवस समारोह में सम्मिलित हुए और हमेशा की तरह सभी कर्मचारियों से मुलाकात की थी।
कोविड-19 के दौर के बावजूद रतन टाटा ने सभी को हाथ हिलाकर उनका अभिवादन स्वीकार किया था। कर्मचारी से लेकर उनके आश्रित भी रतन टाटा की एक झलक पाने के लिए लालायित रहते थे।
जमशेदपुर से की थी करियर की शुरुआत ✍️✍️✍️✍️✍️
रतन टाटा ने वर्ष 1965 में बतौर ट्रेनी के रूप में टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (पूर्व में टिस्को, वर्तमान में टाटा स्टील) में काम किया। उस समय में उन्हें इंजीनियरिंग विभाग में बतौर टेक्निकल आफिसर के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया था। उन्होंने कंपनी के कई प्लांट के विस्तारीकरण में डिजाइन टीम के साथ भी काम किया है।
रतन टाटा ने टाटा समूह में वर्ष 1962 में बतौर ट्रेनी के रूप में अपने व्यावसायिक जीवन की शुरुआत की। वे नेल्को और एम्प्रेस मिल में बतौर नेतृत्वकर्ता के रूप में काम किया और वर्ष 1991 में अपनी नेतृत्व क्षमता के दम पर समूह के चेयरमैन भी बने। वे वर्ष 1991 से वर्ष 2012 तक टाटा समूह के चेयरमैन के पद पर काम किया।
रतन टाटा वर्ष 2012 में बतौर चेयरमैन जब अंतिम बार संस्थापक दिवस पर शहर आए तो अपने उत्तराधिकारी के रूप में साइरस मिस्त्री को साथ लाए थे। तीन मार्च की सुबह साढ़े नौ बजे बिष्टुपुर पोस्टल पार्क से उन्होंने साइरस मिस्त्री का शहरवासियों से बतौर चेयरमैन परिचय कराया।
रतन टाटा ने शहरवासियों को आधिकारिक रूप से बताया कि उनके बाद टाटा समूह का नेतृत्व अब साइरस मिस्त्री संभालेंगे। उस समय रतन टाटा के इस निर्णय का शहरवासियों ने तालियां बजाकर स्वागत व अभिनंदन किया था।
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बिजनसमैन होने के साथ-साथ समजसेवक भी थे। आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में...
रतन टाटा के बारे में 10 तथ्य (Ratan Tata Life Facts)
1. रतन नवल टाटा, जमशेदजी टाटा के परपोते थे, जिन्होंने टाटा समूह की स्थापना की थी। रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में नवल टाटा और सूनी टाटा के घर हुआ था।
2. रतन टाटा की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल में हुई। यहां से उन्होंने आठवीं तक पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने जॉन कानन स्कूल (मुंबई), बिशप काटन स्कूल (शिमला) और रिवरडेल कंट्री स्कूल (न्यूयार्क) से आगे की पढ़ाई की।
3. न्यूयार्क के कार्नेल विश्वविद्यालय से 1959 में उन्होंने आर्किटेक्चर में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 1961 में टाटा स्टील से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की। इस अनुभव ने समूह के भीतर उनके भविष्य के नेतृत्व की भूमिका की नींव रखी।
4. 1948 में उनके माता-पिता के अलग होने के बाद उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने उनका पालन-पोषण किया। कई बार रतन टाटा की शादी के चर्चे हुए, लेकिन रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की।
5. उन्होंने एक बार इंटरव्यू में स्वीकार किया था कि लॉस एंजिल्स में काम करते समय उन्हें प्यार हो गया था। लेकिन 1962 में चल रहे भारत-चीन युद्ध के कारण, लड़की के माता-पिता ने उसे भारत आने से मना कर दिया था।
6. वे 1991 में ऑटो से स्टील समूह के अध्यक्ष बने और अपने परदादा द्वारा सौ साल से भी पहले स्थापित समूह को 2012 तक चलाया। उन्होंने टाटा समूह का पुनर्गठन उस समय शुरू किया जब भारतीय अर्थव्यवस्था का उदारीकरण चल रहा था।
7. उन्होंने टाटा नैनो और टाटा इंडिका सहित लोकप्रिय कारों के व्यवसाय विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने टाटा टी को टेटली, टाटा मोटर्स को जगुआर लैंड रोवर और टाटा स्टील को 2004 में कोरस का अधिग्रहण करने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
8. 2009 में रतन टाटा ने दुनिया की सबसे सस्ती कार को मध्यम वर्ग के लिए सुलभ बनाने का अपना वादा पूरा किया। उन्होंने ₹ 1 लाख की कीमत वाली टाटा नैनो लॉन्च की।
9. 1991 से 2012 तक टाटा समूह के चेयरमैन रहे। फिर अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम चेयरमैन रहे। उनके नेतृत्व में टाटा समूह का राजस्व 40 गुना से अधिक और लाभ 50 गुना से अधिक बढ़ा।
10. चेयरमैन पद छोड़ने के बाद, उन्हें टाटा संस, टाटा इंडस्ट्रीज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील और टाटा केमिकल्स के मानद चेयरमैन की उपाधि से सम्मानित किया गया।
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Gyan'bhadracharya:
TATA की 30 कंपनियां, नमक से लेकर सेना का प्लेन...... टाटा क्या-क्या नहीं बनाता ?? हर घर में कुछ न कुछ जरूर मिलेगा !
टाटा ग्रुप देश और दुनिया में 10 क्लस्टर में 30 कंपनियों के साथ परिचालन कर रहा है। इसका कारोबार 100 से ज्यादा देशों में फैला हुआ है। ग्रुप की प्रिंसिपल होल्डिंग कंपनी और टाटा कंपनियों की प्रमोटर, टाटा सन्स (Tata Sons) 10 सेक्टर की 30 कंपनियों की मदद से फैला हुआ है टाटा समूह
कंज्यूमर एंड रिटेल
कंज्यूमर एंड रिटेल में टाटा समूह की कंपनियां कंज्यूमर ड्यूरेबल्स से लेकर चाय और पैकेज्ड वाटर तक के व्यवसाय में हैं। टाटा केमिकल्स, टाटा कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स, वोल्टास, टाइटन, इन्फिनिटी रिटेल का क्रोमा ब्रांड, ट्रेंट का स्टार बाजार नाम प्रमुख हैं ट्रेंट के प्रमुख ब्रांड्स में वेस्टसाइड, जूडियो, लैंडमार्क शामिल हैं। तनिष्क, टाइटन का ज्वैलरी ब्रांड है। टाटा कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स की बात करें तो टाटा टी, टाटा नमक, टाटा संपन्न ब्रांड इसी के अंब्रैला तले आते हैं। टाटा कंज्यूमर प्रॉडक्ट्स की पहुंच भारत में 20 लाख से ज्यादा घरों तक है। समूह नमक, चाय, कॉफी, दाल, मसाले, रेडी ट ईट फूड, पानी आदि इस सेगमेंट में बेचता है। स्टारबक्स के साथ मिलकर कंपनी टाटा स्टारबक्स नामक जॉइंट वेंचर चलाती है।
इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी
आईटी सर्विसेज में टाटा समूह, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) की मदद से परिचालन करता है। टीसीएस की अगुवाई में ग्रुप की आईटी कंपनियां पूरी दुनिया में ऑपरेशनल हैं। टाटा ग्रुप की आधे से ज्यादा वर्कफोर्स टीसीएस से जुड़ी है। यह शेयर बाजार में लिस्टेड है और मार्केट कैप के लिहाज से भारत की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी है। टाटा समूह की टाटा Elxsi डिजाइन व टेक्नोलॉजी सर्विसेज में दुनिया की दिग्गज प्रोवाइडर्स में शामिल है।
ऑटोमोटिव
ऑटोमोटिव सेक्टर में टाटा मोटर्स (Tata Motors) का नाम कौन नहीं जानता है। टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स से लेकर कमर्शियल व्हीकल्स और डिफेंस व्हीकल्स तक बनाती है। टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी जगुआर लैंड रोवर (JLR) ब्रिटेन की सबसे बड़ी ऑटोमोटिव मैन्युफैक्चरर है। टाटा मोटर्स भारत के अलावा ब्रिटेन, साउथ कोरिया, साउथ अफ्रीका और इंडोनेशिया में भी परिचालन करती है। टाटा मोटर्स ने अब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में भी एंट्री कर ली है। भारत में इसकी कारों में टाटा नेक्सॉन, टाटा नेक्सॉन ईवी, टाटा सफारी, अल्टरोज आदि शामिल हैं। टाटा ऑटोकॉम्प सिस्टम्स ऑटोमोबाइल कंपोनेंट्स और इंजीनियरिंग सर्विसेज की दिग्गज सप्लायर है।
स्टील और इंफ्रास्ट्रक्चर
स्टील सेक्टर में टाटा स्टील मौजूद है। भारत में टाटा स्टील- ऑटोमोटिव स्टील, एग्रीकल्चरल स्टील, कंस्ट्रक्शन स्टील, हैंड टूल्स, स्टील पाइप्स, रॉ मैटेरियल्स, फेरो अलॉयज, बियरिंग्स, प्रिसीजन ट्यूब्स आदि प्रॉडक्ट का निर्माण करती है।
इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में टाटा की कहानी आजादी से पहले ही शुरू हो गई थी। आज समूह इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी और रियल्टी क्षेत्र में एक बड़ा नाम है। इस क्षेत्र में कार्यरत ग्रुप की कंपनियां टाटा पावर, टाटा प्रॉजेक्ट्स, टाटा हाउसिंग, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स, टाटा रियल्टी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर हैं।
फाइनेंशियल सर्विसेज
फाइनेंशियल सर्विसेज में टाटा समूह 1919 में न्यू इंडिया एश्योरेंस के जरिए उतरा था। 1956 में इस कंपनी का राष्ट्रीयकरण हो गया। अभी फाइनेंशियल सर्विसेज में टाटा समूह की फ्लैगशिप कंपनी टाटा कैपिटल है। यह एक नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी है। इंश्योरेंस सेक्टर में समूह, एआईए और एआईजी के साथ जॉइंट वेंचर में है, जिनके नाम टाटा एआईए लाइफ और टाटा एआईजी हैं। इसके अलावा टाटा एसेट मैनेजमेंट कंपनी म्यूचुअल फंड, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसे, अल्टरनेट इन्वेस्टमेंट फंड्स और ऑफशोर फंड्स की पेशकश करती है।
टूरिज्म एंड ट्रैवल
टाटा समूह साल 1903 से ट्रैवल, हॉस्पिटैलिटी और टूरिज्म इंडस्ट्री में है। 1903 में ताज महल होटल की स्थापना हुई थी। होटल इंडस्ट्री में समूह इंडियन होटल्स कंपनी के जरिए परिचालन कर रहा है। टाटा समूह ही है, जिसने एयर इंडिया (Air India) को टाटा एयरलाइंस के नाम से शुरू किया था। 1956 में एयर इंडिया का राष्ट्रीयकरण हो गया और यह सरकार की झोली में आ गई। अब एयर इंडिया एक बार फिर निजी हाथों में जाने वाली है और इस रेस में टाटा समूह भी है। हो सकता है कि एयर इंडिया फिर से टाटा की हो जाए। टाटा एसआईए एयरलाइंस, सिंगापुर एयरलाइंस और टाटा का जॉइंट वेंचर है, जो विमानन कंपनी विस्तारा का परिचालन देखता है। समूह, एयर एशिया के साथ जॉइंट वेंचर में एयर एशिया इंडिया के जरिए भी विमानन सेवाएं दे रहा है।
टेलिकॉम एंड मीडिया
इस सेक्टर में टाटा समूह टाटा कम्युनिकेशंस, टाटा स्काई और टाटा टेलिसर्विसेज के जरिए परिचालन करता है। दुनिया की 70 फीसदी से ज्यादा टेलिकॉम कंपनियां, टाटा कम्युनिकेशंस के नेटवर्क का इस्तेमाल करती हैं। दुनिया के 25 फीसदी से ज्यादा इंटरनेट रूट, टाटा कम्युनिकेशंस के नेटवर्क पर हैं। कंपनी दुनिया के सबसे बड़े सबमरीन फाइबर नेटवर्क की भी मालिक है। टाटा स्काई, टाटा समूह और 21st Century Fox का जॉइंट वेंचर है। यह भारत का टॉप डीटीएच प्रोवाइडर है।
ट्रेडिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स
इस सेगमेंट में समूह की कंपनियां- टाटा इंटरनेशनल, टाटा इंडस्ट्रीज और टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन हैं। टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन एक एनबीएफसी है। टाटा इंटनरेशनल एक ग्लोबल ट्रेडिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी है। जो 5 बिजनेस वर्टिकल- मेटल्स, मिनरल्स व एग्री ट्रेडिंग, ऑटो डिस्ट्रीब्यूशन और लेदर और लेदर प्रॉडक्ट्स में है। टाटा क्लिक भी इसी सेगमेंट का हिस्सा है।
एयरोस्पेस एंड डिफेंस
टाटा ग्रुप इस वर्टिकल के जरिए दशकों से भारतीय सेना के लिए मेड इन इंडिया प्रॉडक्ट बना रहा है। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स इस दिशा में कार्यरत है। कंपनी के 6 फोकस एरिया हैं- एयरोस्पेस, यूएवी, मिसाइल्स, रडार, कमांड एंड कंट्रोल और होमलैंड सिक्योरिटी। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स, भारत के रक्षा क्षेत्र को मजबूत करने के लिए लॉकहीड मार्टिन, बोइंग के साथ हाथ मिला चुका है। अब नए पार्टनर के तौर पर एयरबस का नाम भी समूह के साथ जुड़ गया है।
ग्रुप का फोकस, लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों, परिवहन विमानों, वेपन सिस्टम्स और लैंड सिस्टम्स के लिए 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रमों को लेकर वैश्विक ओईएम के साथ भागीदारी करने पर है। इसके अलावा मानव रहित सिस्टम्स के निर्माण; भारतीय रक्षा क्षेत्र के लिए अन्य महत्वपूर्ण एयरोस्पेस और रक्षा कार्यक्रमों को समर्थन करने और विश्व स्तरीय एयरो इंजन कंपोनेंट्स निर्माण सुविधाओं की स्थापना करने पर भी ग्रुप ध्यान दे रहा है।
इन सबके अलावा टाटा ग्रुप के एजुकेशनल और रिसर्च इंस्टीट्यूट भी हैं। जैसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, टाटा मैमोरियल हॉस्पिटल, नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स आदि। टाटा की योजना टाटा डिजिटल के जरिए ई-कॉमर्स क्षेत्र में उतरने की है। ग्रुप ने टाटा डिजिटल के जरिए बिग बास्केट का अधिग्रहण कर लिया है और अब सुपरऐप लाने की तैयारी है
Gyan'bhadracharya:
उत्पाद
Automotive,
Chemicals
Defence
Electronics
FMCG
Jewellers
Home appliances
Salt
Steel
Cement
Tea
सेवाएँ
Airlines
Aerospace
Consultancy
Electric utility
Electric power
Finance
Hospitality
Hotels
Information technology
Retail
E-commerce
Real estate
Telecommunications
नमक से एयरलाइन समूह टाटा ग्रुप की सफलता को इसके आंकडे बखूबी बयां करते हैं। 2005-06 में इसकी कुल आय $967229 मिलियन थी। ये समस्त भारत कि GDP के 2.8 % के बराबर है। 2004 के आंकड़ों के अनुसार टाटा ग्रुप में करीब 2 लाख 46 हज़ार लोग काम करते हैं। market capitalization का आंकड़ा $57.6 बिलियन को छूता है। टाटा समूह कि कुल 96 कम्पनियां 7 अलग अलग व्यवसायिक क्षेत्रों में सक्रिय हैं। इन 96 में से केवल 28 publicly listed कम्पनियाँ हैं। टाटा ग्रुप ६ महाद्वीपों के 40 से भी अधिक देशों में सक्रिय है। टाटा समूह दुनिया के 140 से भी अधिक देशों को उत्पाद व सेवाएँ निर्यात करता है। इसके करीब 65.8% भाग पर टाटा के Charitable Trust का मालिकाना हक है। 31 जुलाई, 2023 तक टाटा कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण $300 बिलियन (INR 24 ट्रिलियन) था।
टिस्को (TISCO), जिसे अब टाटा स्टील (Tata steel) के नाम से जाना जाता है, की स्थापना 1907 में भारत के पहले लोहा व इस्पात कारखाने के तौर पर हुई थी। इसकी स्थापना जमशेदपुर में हुई थी जिसे लोग टाटा नगर भी पुकारते हैं। इस्पात (steel) व लोहे का असल उत्पादन 1912 में शुरू हुआ। यह दुनिया में सबसे किफायती दरों पर इस्पात का निर्माण करता है। इसका मुख्य कारण है कि समूह की ही एक अन्य कंपनी इसे कच्चा माल, जैसे कोयला और लोहा आदि, उपलब्ध कराती है। 1910 में टाटा जलविद्युत शक्ति आपूर्ति कम्पनी (Tata Hydro-Electric Power Supply Company) की स्थापना हुई। 1917 में टाटा आईल मिल्स (Tata Oil Mill) की स्थापना के साथ ही समूह ने घरेलू वस्तुयों के क्षेत्र में कदम रखा और साबुन, कपडे धोने के साबुन, डिटर्जेंट्स (detergents), खाना पकाने के तेल आदि का निर्माण शुरू किया। 1932 में टाटा एयरलाइन्स (Tata Airlines) की शुरुआत हुई। टाटा केमिकल्स (Tata Chemicals) का आगमन 1939 में हुआ। टेल्को (TELCO), जिसे अब टाटा मोटर्स (TataMotors) के नाम से जाना जाता है, ने 1945 में रेल इंजनों और अन्य मशीनी उत्पादों का निर्माण शुरू किया।
जनवरी 2007 का महीना टाटा ग्रुप के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज किया जाएगा। टाटा स्टील ने यूनाइटेड किंगडम (UK) में स्थित कोरस समूह (Corus Group) की सफल बोली लगा कर उसे हासिल किया। कोरस समूह दुनिया की सबसे बड़ी लोहा व इस्पात निर्माण कंपनी है। बोली के अप्रत्याशित 9 दौर चले जिसके अंत में टाटा ग्रुप ने कोरस का 100 प्रति शत हिस्सा 608 पाउंड प्रति शेयर (नकद) के हिसाब से कुल 12. 04 बिलियन डालर में खरीदने में सफलता पाई। यह किसी भी भारतीय कंपनी के द्वारा किया गया सबसे बड़ा अधिग्रहण है।
टाटा पावर भारत में निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कम्पनियों में से एक है। यह मुंबई एवं दिल्ली के कुछ हिस्सों को बिजली प्रदान करती है। टाटा केमिकल्स और टाटा पिगमेन्ट्स (Tata Pigments) का भी अपने अपने क्षेत्रों में काफी नाम है। सेवा क्षेत्र में भी टाटा ग्रुप की कई कम्पनियां होटल, बीमा व जीवन बीमा उद्योग में सक्रिय हैं। टाटा समूह प्रबंधन व आर्थिक सलाहकार सेवाओं में भी काफी सफल साबित हुआ है। शेयरों व निवेष की दुनिया में भी टाटा का खासा नाम है। जहाँ तक शिक्षा का सवाल है, तो इस के लिए तो केवल टाटा मैक्ग्रा (Tata Mcgraw) का नाम लेने मात्र से ही इस क्षेत्र में टाटा ग्रुप की सफलता को बयां किया जा सकता है। पर टाटा का शिक्षा से जुड़ाव केवल इस मशहूर प्रकाशन कंपनी तक ही सीमित नहीं है। अनेक सरकारी संस्थानों व कम्पनियों की शरुआत टाटा द्वारा ही की गयी, जैसे - भारतीय विज्ञाना संस्थान (Indian Institute of Science), टाटा मूलभूत अनुसंधान केन्द्र (Tata Institute of Fundamental Research), टाटा समाज विज्ञान संस्थान (Tata Institute of Social Sciences) और टाटा ऊर्जा अनुसंधान संस्थान (Tata Energy Research Institute)। यहाँ तक की भारत की आधिकारिक विमान सेवा एयर इन्डिया का भी जन्म टाटा एयरलाइन्स के रूप में हुआ था। इसके अलावा टाटा मैनेजमेन्ट ट्रेनिंग सेन्टर, पुणे और नेशनल सेन्टर फार पर्फार्मिंग आर्ट्स भी ऐसे संस्थान हैं जिनका श्रेय टाटा ग्रुप को दिया जाना चाहिए।
टाटा का नाम चाय में टाटा चाय (Tata Tea) और घड़ियों में टाइटन (Titan) से जुड़ा है। Tata Trent (Westside) और टाटा स्काय (Tata Sky) भी अपने अपने क्षेत्रों के ऐसे नाम हैं जो टाटा समूह का ही हिस्सा हैं।
सूचना व संचार के क्षेत्र में भी टाटा का नाम INCAT, Nelco, Nelito Systems, TCS और Tata Elxsi से जुड़ा है। इसके अलावा साफ्टवेयर बनाने वाली भी कम्पनियां हैं जो टाटा का हिस्सा हैं- जैसे - टाटा इंटरैक्टिव सिस्टम्स (Tata Interactive Systems), टाटा इन्फोटेक (Tata Infotech), टाटा टटेक्नालोजीज लि (Tata Technologies Ltd), टाटा टेलीसर्विसेस, टाटानेट (Tatanet) आदि। टाटा ने 2005 में बरमूडा से संचालित कनेडियन कंपनी टेलीग्लोब (Teleglobe) से भारतीय दूरसंचार क्षेत्र की विशाल कंपनी विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) को हासिल किया।
मार्च २००८ टाटा मोटर्स ने फोर्ड से जैगुआर और लैंड रोवर को ख़रीदा।
जनवरी २००७ टाटा स्टील ने कोरस स्टील को ख़रीदा।
जून २००६ अमरीकी कंपनी ८ ओक्लॉक कॉफी कंपनी का क़रीब १००० करोड़ रुपए में अधिग्रहण किया।
अगस्त २००६ अमरीकी कंपनी ग्लेसॉ (उर्जा कंपनी) के ३० प्रतिशत शेयर खरीदे
जुलाई २००५ टेलीग्लोब इंटरनेशनल को २३.९ करोड़ डॉलर में अधिग्रहित किया।
अक्टूबर २००५ टाटा टी ने तीन करोड़ २० लाख डॉलर में गुड अर्थ क्राप का अधिग्रहण किया।
अक्टूबर २००५ ब्रिटेन के आईएनसीएटी इंटरनेशनल को ४११ करोड़ रुपए में खरीदा।
अक्टूबर २००५ सिडनी स्थित कंपनी एफएनएस को अधिग्रहित किया।
नवंबर २००५ बिज़नेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग कंपनी कोमीकॉर्न को क़रीब १०८ करोड़ में खरीदा।
दिसम्बर २००५ थाईलैंड की मिलेनियम स्टील का अधिग्रहण १८०० करोड़ रुपए में किया।
दिसम्बर २००५ ब्रिटेन की ब्रूनर मोंड ग्रुप के ६३.५ प्रतिशत शेयर ५०८ करोड़ रुपए में लिए।
मार्च २००४ कोरियाई कंपनी देवू कमर्शियल वेहिकल्स का ४५९ करोड़ रुपए में अधिग्रहण किया।
अगस्त २००४ सिंगापुर की नैटस्टील को १३०० करोड़ रुपए में खरीदा।
फरवरी २००० १८७० करोड़ रुपए में ब्रिटेन की टेटली टी को खरीदा ।
टाटा ग्रुप का उद्देश्य समझदारी, जिम्मेदारी, एकता और बेहतरीन काम से समाज में जीवन के स्तर को उंचा उठाना है। टाटा समूह (Tata Group) के नाम से जाने जाने वाले इस परिवार का हर सदस्य इन मूल्यों का अनुसरण करता है। भारत के शिक्षा, विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में टाटा का योगदान अति महत्वपूर्ण है। इसके बारे में विस्तार से लिखा जा चुका है और लगभग हर भारतीय इस बात का सम्मान करता है। टाटा का नीले रंग का चिन्ह (Logo) निरंतर प्रवाह की और तो इशारा करता ही है, यह कल्प-तरु या बोधि वृक्ष (Tree of Knowledge) का भी प्रतीक है। इसे एक ऐसा वृक्ष भी माना जा सकता है जिसके नीचे हर कोई शरण पा सकता है, सकून पा सकता है।
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साभार - विविध समाचार एजेंसी,इंटरनेट Gyanbhadracharya
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