15 अगस्त,26 जनवरी - अमर रहे या जिंदाबाद
सभी देशवासियों को जय हिंद ,
आप सब ने शेखचिल्ली की कहानी जरूर पढ़ी होंगी और चार्ली चैप्लिन के वीडियो भी खूब देखे होंगे अगर नहीं देखे हैं, तो आगे का लेख पढ़ने से पहले एक बार चार्ली चैपलिन की वीडियो देख ले और शेखचिल्ली की कहानी पढ़ ले , चार्ली चैपलिन लोगों को हंसाने के लिए करतब दिखाया करते थे, और शेख चिल्ली लोगों की बातें सुनकर के लोगों को देखकर के अपने काम किया करता था - और उसकी यही हरकते लोगों को हंसने का अवसर देती थी
........................... जैसे एक बार वो गधे पर बैठ कर जा रहा था, कुछ लोगों ने यह देखकर कहा कि इतना भारी भरकम शरीर लिए गधे पर क्यों लदे हो , यह सुनकर के शेखचिल्ली पैदल चलने लगा , कुछ दूर आगे बढ़ने के बाद लोगों ने कहा कि गधा लिए हो फिर भी पैदल चल रहे हो- तो वह दोबारा बैठ गया . यही हाल कुछ मामलों में हमारे देशवासियों का भी है।
साथियों , बरसों से हम स्कूलों में और आज भी स्वतंत्रता दिवस अमर रहे, 26 जनवरी अमर रहे , महात्मा गांधी अमर रहे , पंडित जवाहरलाल नेहरू अमर रहे , चंद्रशेखर आजाद अमर रहे , शहीद अशफाक अमर रहे , भारत माता की जय … कहते सुनते आ रहे है..........किन्तु 15 अगस्त अमर रहे !!!! 26 जनवरी अमर रहे !!!!! क्यों ???
पहले बात स्वतंत्रता दिवस की कर लेते हैं, 15 अगस्त 1947 को हमारा भारत देश आजाद हुआ, तब से प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त की तारीख को हम पूरे जोश हर्षोल्लास के साथ में आजादी की वर्षगांठ मनाते हैं , इसे हम मानते तो है पर्व की तरह- लेकिन नारे लगाते हैं ,अमर रहे !!! 15 अगस्त अमर रहे !! फिर तारीख आती है 26 जनवरी 1950.
26 जनवरी 1950 के दिन भारत का संविधान लागू हुआ था.
देश के आजाद होने के बाद 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था. जबकि 26 जनवरी 1950 के दिन संविधान को लोकतांत्रिक सरकार और प्रणाली के साथ लागू किया गया था. इस दिन देश को पूरी तरह से गणतंत्र घोषित किया गया था, दूसरे सामान्य अर्थों में समझे तो इस दिन भारत देश को चलाने के लिए एक नई कानूनी प्रणाली, भारत के एक नए संविधान का जन्म हुआ था और हम लोग अक्सर वक्तव्यों में यह सुनते हैं कि -गणतंत्र दिवस / स्वतंत्रता दिवस की - पांचवी वर्षगांठ , 15वीं वर्षगांठ, 25वीं वर्षगांठ, 50 वर्षगांठ ।
मैं अपने तर्क ,तथ्य और विश्लेषण प्रस्तुत करूं, इससे पहले समझ लेते हैं 'अमर रहे' शब्द किन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है-- अमर, इस शब्द का शाब्दिक अर्थ है, जो कभी मरे नहीं, जो नाश्ववान ना हो, जिसका कभी विनाश ना हो, भारत देश की इस कर्मभूमि पर बहुत से ऐसे महान व्यक्तित्व हुए हैं, जिन्होंने अपने कर्म के बल पर इस धरती पर अपना नाम अमर कर लिया है, जो मरने के बाद भी मरे नहीं है, जिनका नाम अभी तक इस पृथ्वी से मिटा नहीं है-- ऐसे महान व्यक्तित्व के लिए हम "अमर रहे" शब्द का प्रयोग करते हैं, ऐसे शब्द हम अपने दादाओ - परदादाओ के लिए भी प्रयोग कर सकते हैं, क्योंकि वह हमारे जीवन के लिए एक महान व्यक्तित्व ही है जिन्होंने हमें प्राण वायु प्रदान की है।
अब जबकि आप यह समझ गए हैं कि "अमर" शब्द का प्रयोग हम कहां और किन परिस्थितियों में करते हैं, तो मैं अब आप सब से यह पूछना चाहता हूं कि क्या 26 जनवरी की तारीख और 15 अगस्त की तारीख हमारे लिए मर चुकी है ?? उसका हमारे जीवन में अब कोई मोल नहीं रह गया है??? क्या वह तारीख हमारे जीवन में अब कभी नहीं आएगी??? और अगर नहीं आएगी तो हम इसका पर्व क्यों मनाते हैं ?? इसकी वर्षगांठ क्यों मनाते हैं ?? इसमें गीत क्यों गाते हैं ?? इसमें उत्सव क्यों मनाते हैं ?? क्या किसी के मर जाने के बाद में जब कोई व्यक्तित्व इस संसार में नहीं रह जाता है तो उसकी पुण्यतिथि पर हम गीत गाते हैं ?? हम ढोल नगाड़े बजाते हैं ?? अच्छा चलो थोड़ी देर के लिए मान भी लें कि हम "अमर रहे" का नारा लगाए , वही सत्य है --- तो क्या हम 26 जनवरी और 15 अगस्त को पुण्यतिथि मनाते हैं ?? जो हम अमर रहे का नारा लगाए?? नहीं !! कदाचित यह बिल्कुल भी सही नहीं है? 15 अगस्त और 26 जनवरी "जिंदाबाद" शब्द के साथ ही नारे/उदघोष लगाना सर्वथा उचित है , "15 अगस्त जिंदाबाद" ; "26 जनवरी जिंदाबाद" ।
हां एक तथ्य मैं और रखना चाहता हूं , 26 जनवरी 1950 की तिथि के लिए हम "अमर रहे" का नारा लगा सकते हैं, क्योंकि 26 जनवरी 1950 की तिथि दोबारा नहीं आएगी , किंतु 26 जनवरी हमारी वर्षगांठ है इसलिए वह जिंदाबाद ही रहेगी । 15 अगस्त 1947 की तिथि दोबारा नहीं आएगी इसलिए '15 अगस्त 1947' का नारा लगाते समय हम 'अमर' रहे कह सकते हैं, किंतु 15 अगस्त हमारे लिए स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ का दिन है , हमारे लिए पर्व का दिन है , हमारे उल्लास का दिन है, इसीलिए 15 अगस्त 'जिंदाबाद' ही बोला जाएगा ।
अगर उद्घोष 'अमर रहे' बोले तो क्यों" जबकि ??
👉 गणतंत्र दिवस (Republic Day) और स्वंतत्रता दिवस (Independence Day) दोनों राष्ट्रीय पर्व हैं
👉 देश में इन दोनों दिनों को काफी धूमधाम से मनाया जाता है।
👉 15 अगस्त, 1947 को देश आजाद हुआ था (अर्थात ,एक नया जन्म हुआ था न कि मृत्यु ) इस वजह से इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। वहीं 26 जनवरी,1950 को भारत में संविधान लागू किया गया था (अर्थात हमारा गणतंत्र बना था,जीवंत हुआ था न कि मरा था) इस वजह से इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।
👉 15 अगस्त को लालकिले की प्रचीर से प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं और अन्य रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। 26 जनवरी को राजपथ पर कार्यक्रम का आयोजन होता है और झांकियां निकाली जाती हैं।
👉 15 अगस्त और 26 जनवरी का दिन देश के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण है। दोनों दिन धूमधाम से पूरे देश में सार्वजनिक समारोह आयोजित किए जाते हैं।
👉 26 जनवरी समारोह में किसी न किसी राष्ट्र के राष्ट्राध्यक्ष को बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया जाता है। इसमें देश के मित्रवत राष्ट्रों के राष्ट्रपति या अन्य किसी खास मेहमान को बुलाया जाता है। दूसरे राष्ट्रों के अलावा कई अन्य खास मेहमान भी बुलाए जाते हैं।
अंत में आप सबसे हाथ 🙏🏻 जोड़कर यही प्रार्थना है कि - शेखचिल्ली ना बने, जो लोगों ने कह दिया, वही ना करें , अपना विवेक लगाये और आगे से अब भूल सुधारे ।
तो ध्यान रहे 👉👉
"15 अगस्त 1947 -- अमर रहे"
"26 जनवरी 1950 -- अमर रहे"
"15 अगस्त -- जिंदाबाद"
"26 जनवरी -- जिंदाबाद"
जय हिंद
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हम आपके कृतघ्न हैं