कुबूल है- KUBOOL HAI
हाँ मुझे प्यार है , तुम पर एतबार है
तुम्हे पंक्ति सा साजाता हूँ , शब्द के सृंगार से
तुम्हे स्वर से गुनगुनाता हूँ, मात्राओं के हार से
तुम अंतरमन की वीणा हो ,ये हृदय की झंकार है
हाँ मुझे प्यार है , तुम पर एतबार है
तुम आंखों से समाती हो, हृदय में छाप सी
क्यों ? सदा मुस्कुराती हो, कल कल के अभिशाप सी
गले लग जा; बावरि, तू गले की हार है
हाँ मुझे प्यार है , तुम पर एतबार है
प्रियतम सा मनाता हूँ, तुम्हे मंत्रोच्चार से
सत्कर्म से रिझाता हूँ, मैं शिष्ट सदाचार से
बिगड़ी बनाने वाले , तू ही ओंकार है
हाँ मुझे प्यार है , तुम पर एतबार है
तु प्रिया ,प्रियंका प्रियतम है
शोभा तेरी क्या कहना
नम्रता सी लिए आरती
वक्षःस्थल में तुम रहना
भौरे सा बाबुल इठलाता,
गुंजित मन का उदगार है
हाँ मुझे प्यार है , तुम पर एतबार है
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09112023060736THU
Bahut hi sunder patriya ik ik shabd man ko prafullit karte h
ReplyDeleteNice
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