सर्व देव आरती AARTEE

 आरती, धूप कपूर पुष्प  से 

सब नर नारी सजाए हैं 


पूजा करो स्वीकार हमारी 

श्रद्धा से शीश झुकाए हैं 

प्रथम आरती मातु तुम्हारी

 शक्ति की अवतारी हो 

तुम ही दुर्गा ,सीता रुकमणी

 काली खप्पर वाली हो 

संतोषी संतोष का धन दो

 शारदा मैहर शक्ति दो 

देवी सरस्वती ज्ञान हमें दो

 उमा रमा तुम भक्ति दो

 सती सावित्री शाकंभरी तुम 

नैना ज्वाला कामाख्या 

गायत्री के रूप में मैया

 कैसे करें महिमा व्याख्या 

अपना बालक जान के मैया

 सब करती दूर बलाये हैं

आरती,धूप  कपूर पुष्प से 

सब नर नारी सजाए हैं 

पूजा करो स्वीकार हमारी 

श्रद्धा से शीश झुकाए हैं


 ग्यारह रुद्र अवतार प्रभु का

  अश्विन और कुमारे है

मत्स्य ,कूर्म ,बाराह, नरसिंही

 वामन हरी सुकुमारे है

 विश्व रचयिता ब्रह्मदेव 

विष्णुपद प्रिय हमारा है 

किसे छुए यम शनि अग्नि 

जब हनुमत नाम तुम्हारा है 

तुम महेश शिव भोले शंभू 

पार्वती के प्यारे हो 

संग गणेश कार्तिकी नंदी

 देवों का कष्ट उबारे हो

हे सूर्य चंद्र भैरव कुबेर 

हे इंद्र वायु प्रिय बालाजी 

कष्ट हमारे दूर करो प्रभु 

तुम पालक हम लाला जी

आदित्य है बारह पुत्र तुम्हारे

आठ वसु हरसाये हैं 

आरती,धूप कपूर पुष्प से 

सब नर नारी सजाए हैं 

पूजा करो स्वीकार हमारी 

श्रद्धा से शीश झुकाए हैं


राम रूप में रावण मारे

हे विश्वकर्मा वेंकटेश 

कृष्ण रूप में कंस उबारे

 दूर करो तुम ही क्लेश

 करो नवाग्रह शांति प्रभु अब

 ग्राम, वास्तु स्थान भरो

हो प्रसन्न  हे मात भवानी

नारायण धनधान्य भरो 

हो प्रसन्न सब पित्र देव अब 

कुल फूल फले फूले आंगन

स्वस्थ रहें तन निर्मल हो

अनुकूल समय हर्षित जीवन

 बैकुंठ न धन न यश देना

शरणागति की मति लाये है 

थाल सजाकर शंख बजाकर 

झोली सब फैलाये हैं

 आरती,धूप कपूर पुष्प से 

सब नर नारी सजाए हैं 

पूजा करो स्वीकार हमारी 

श्रद्धा से शीश झुकाए हैं

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हम आपके कृतघ्न हैं

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