बस तू ONLY YOU -- मुक्तक

मेरे हर ख्वाब में तू है – तेरे हर साज मे मै हूँ ।
 तु सुर न भी, दे तो क्या – तेरे हर राग मे मै हूँ ।।

ये माना है कि, हर एक गीत – तेरे लव का ही प्यासा है ।
मगर वो दिन भी आयेगा – निराशा मे भी आशा है ।।

मेरे हर शब्द मे तु है –तेरे हर गीत मे मै हूँ ।
मेरा तू नाम न भी ले – तेरे प्रारब्ध मे मै हूँ ।।

 न चाहे तू अगर मुझको – तेरे लव नाम लेंगे ही ।
दफन कर दे मेरी हर याद – लहू आशीष देंगे ही ।।

 जा तू जा दूर मूझसे – भला कब तक तू भागेगी ।
ये माना पूष कि है रैना – सुबह फिर कल तू जागेगी ।।

 तडप मेरी तू क्या जाने – मेरे मन मीत सुन ले तू ।
 भडक जायेगी जिस दिन आग – सनम तू ही बुझायेगी ।।

 मेरा हर दर्द तेरा है – तेरी हर रूह मेरी है ।
दवा मेरे मर्ज कि तू – तुझी से साँस मेरी है ।।

 तरी आँखों से कश लेके – मै अब तक यार जिंदा हूँ ।
 तू खुद कि भी नही है रे – तेरी हर नब्ज मेरी है ।।

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