वो अनकही बात...! The UnTold story...
"यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः"। मनुस्मृति के इस श्लोक में बताया गया है कि, जहाँ नारी की पूजा होती है वही देवताओं का वास होता है। पूजनीय नारी को हमारा समाज इतनी हीन दृष्टि से क्यों देखता है ? की जैसे स्त्री केवल एक काम वासना की चीज है । उसके शरीर और अंगों की व्याख्या हम अपनी भ्रांतियों के आधार पर क्यों करते है ? जबकि सत्य कुछ और ही है । इस लेख में हम स्त्री के शारीरिक ढांचे से जुड़े ऐसे चार बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे जिनके बारे में हम आपस में खुलकर न कुछ बोलना और न ही चर्चा करना पसंद करते हैं ....... इस कारण लोग सच और भ्रांति (भ्रम ) के बीच झूलते रहते है किंतु विमर्श करने में होंठ सिल जाते है हम बात करेंगे स्त्रियों के लिप्स (होंठ ) से लेकर हिप्स ( नितंब ) तक के कुल चार विशिष्ट अंगों की , जिनके संबंध में बहुत सारे मिथक समाज में फैले है जिनके डर से स्त्रियां अपने जीवन के वास्तविक सुख से समझौता कर लेती हैं , किंतु ये लेखक का दावा है कि इस लेख को दो - तीन बार ध्यान से पढ़ने के बाद आपके सारे ...