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Showing posts from November, 2023

तेरा सुरूर - TERA SUROOR

 मैं तुझको पढ़ने की खातिर ,अपनी रात गवां बैठा क्या कहूं तुझे ? क्या लिखूं तुझे? मैं मन की बात गवां बैठा ।।  मैं तुझको पढ़ने की खातिर ,अपनी रात गवां बैठा  न मुखड़ा तेरा चाँद सा हैं, न बलखाती तू नागिन सी । न जुल्फ घनेरी सांझ सी है, न आंखे झील किनारी सी ।। फिर ऐसी तुझमे बात है क्या, मैं अपने होश गवां बैठा ।   मैं तुझको पढ़ने की खातिर ,अपनी रात गवां बैठा । तेरा मुखड़ा फागुन के भोर सा है, तेरी चाल मचलती मछली सी । तेरी जुल्फ पूष के ओस सी है, तेरी आंखे है ध्रुव तारे सी ।। है होंठ तेरे मधुशाला से ,मैं अपनी प्यास गवां बैठा ।  मैं तुझको पढ़ने की खातिर ,अपनी रात गवां बैठा ।। उम्मीदे क्या पालूं तुझसे ,तू एक पराई दौलत है । मैं ठहर गया एक पल जो यहां, प्रियतम तेरी ही बदौलत है ।। बस एक आस है एक प्यास, एक बार लगा ले अंग मुझे । फिर जा घर अपने प्रियतम के, "बाबुल"  न करेगा तंग तुझे ।। सांसे तेरी,तन भी तेरा,   मैं अपने प्राण गवां बैठा । मैं तुझको पढ़ने की खातिर अपनी रात गवां बैठा  ।। क्या कहूं तुझे ? क्या लिखूं तुझे? मैं मन की बात गवां बैठा ।।  मैं तुझको ...

धनतेरस - ALL ABOUT DHANTRYODASHI

धनतेरस  ************** धनतेरस से दीपावली के त्‍योहार का आरंभ माना जाता है। कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाई है। इस दिन धन के देवता कुबेरजी और धन की देवी मां लक्ष्‍मी की पूजा की जाती है। इस दिन सोने-चांदी के अलावा बर्तनों की खरीद करते हैं। ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्‍तुओं में 13 गुना वृ‍द्धि होती है। धनतेरस के त्‍योहार को विधि विधान से मनाने पर आपको वर्ष भर धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता।  धनतेरस का महत्‍व =============== पौराणिक मान्‍यताओं में यह बताया गया है कि कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन से भगवान धनवंतरी अपने हाथ में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे। धनवंतरीजी को विष्‍णु भगवान का अवतार माना जाता है। धनतेरस को उनके प्राकट्योत्‍सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन सोना चांदी खरीदने का भी विशेष महत्‍व होता है और इस अवसर पर दान पुण्‍य करने से आपके संपत्ति में 13 गुना वृद्धि होती है। धनतेरस के दिन से दीपावली के उत्‍सव को मनाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। धनतेरस के दिन अपने घर में धनिए के बीज जरूर खरीदकर ला...

कुबूल है- KUBOOL HAI

 हाँ मुझे प्यार है , तुम पर एतबार है  तुम्हे पंक्ति सा साजाता हूँ , शब्द के सृंगार से तुम्हे स्वर से गुनगुनाता हूँ, मात्राओं के हार से  तुम अंतरमन की वीणा हो ,ये हृदय की झंकार है हाँ मुझे प्यार है , तुम पर एतबार है  तुम आंखों से समाती हो, हृदय में छाप सी  क्यों ? सदा मुस्कुराती हो, कल कल के अभिशाप सी  गले लग जा; बावरि, तू गले की हार है हाँ मुझे प्यार है , तुम पर एतबार है   प्रियतम सा मनाता हूँ, तुम्हे मंत्रोच्चार से   सत्कर्म से रिझाता हूँ, मैं शिष्ट सदाचार से   बिगड़ी बनाने वाले , तू ही ओंकार है  हाँ मुझे प्यार है , तुम पर एतबार है  तु प्रिया ,प्रियंका प्रियतम है शोभा तेरी क्या कहना नम्रता सी लिए आरती  वक्षःस्थल में तुम रहना  भौरे सा बाबुल इठलाता, गुंजित मन का उदगार है  हाँ मुझे प्यार है , तुम पर एतबार है  ************************* 09112023060736THU