नया मित्र - NEW FRIEND
क्या मेरे मित्र बनोगे....? (A) 21 वीं सदी का शांतीदूत, बनकर पृथ्वी पर आया हूँ सुख, अमन, प्रेम, सदभाव और, संतोष शांती मैं लाया हूँ मै चिर प्रकाश देने के खातिर, ज्ञान प्रकाश को लाया हूँ विष द्वेष, बैर का जन-जन के, मनमीत - पटल से दूर रहे इसलिए प्रिय सबग्रंथों का संदेश बताने आया हूँ क्या मेरे मित्र बनोगे - 2 - ? (B) आतंक, आतिशी डर को मैं, बल सौर दिखाने आया हूँ भय से भयभीत नगर - धन को, मै जोश दिलाने आया हूँ , तन वतन की खातिर गिरवी रख, मै शीश कटाने आया हूँ हल्दी, भाँग, धतुरा ले, मै कष्ट मिटाने आया हूँ मिट जाना है एक दिन सबको, आज नहीं तो कल तुम भी चित्र बनोगें। .. क्या मेरे मित्र बनोगें? (C) प्राची में सूर्य उगा फिर भी, क्यों धुंध - धुंध सी छायी है धुंध - धूल से दूर रहे सो, दीप जलाने आया हूँ प्राणवायु में महक रहे, वह भेद बताने आया हूँ हर उपवन का, माली बनकर, मै बाग सजाने आया हूँ जल स्वच्छ रहे, थल सुन्दर हो यह भान कराने आया हूँ..... तब मिट्टी की सोंधी खुशबू, नव प्राण रगों में भर देगी क्या तुम भी...